मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह की वैसे तो अनंत कथाएं है। लेकिन फिलहाल एके 47 बरामगी मामले में उनकी मुश्किलें काफी बढ़ गयी है। सरकार उनपर यूएपीए लगा सकती है। इस एक्ट के लगने के बाद अनंत सिंह जेल की सलाखों में होंगें, क्योंकि इस मामले में बगैर जेल गये बेल की उम्मीद भी नहीं की जा सकती है। वैसे अनंत सिंह का कहना है कि उन्हें फंसाया गया है। उन्हें राजनीतिक साजिश के तहक जेल भेजने की तैयारी बिहार सरकार कर रहीं है। वे इसे मुंगेर के सांसद ललन सिंह के ईशारे पर की गयी कार्रवाई बता रहें है। हांलाकि वे कहते है कि इस मामले में वे सीएम नीतीश कुमार से भी बात करेंगे। वे अमित साह एवं राजनाथ सिंह से भी बात करेंगे। यदि इन लोगों ने मदद नहीं की तो वे कोर्ट की शरण में जायेंगे। बता दें कि अनंत सिंह वर्ष 2005 में जदयू के विधायक बनकर राजनीति की शुरूआत की, बाद के दिनों में वे जदयू से अलगहोकर निर्दलीय विधायक चुने गये। इसी बीच कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर अपनी पत्नी नीलम देवी को ललन सिंह के खिलाफ उतार कर उन्होंने जदयू का विरोध किया। इससे पहले नीतीश कुमार के काफी करीबी मानें जाने वाले अनंत सिंह को छोटे सरकार की संज्ञा दिया गया था। कभी नीतीश को बउ़े सरकार तो अनंत सिंह को छोटे सरकार कहा जाता था। एक समय ऐसा भी आया जब अनंत सिंह ने नीतीश को चांदी से तौल दिया था। कभी मर्सरिज तो कभी बग्गी की सवारी करने वाले अनंत सिंह को सनकी विधायक भी कहने से लोग गुरेज नहंी करते थे। वैसे अनंत सिंह के मुश्किल में पप्पु यादव ने सरकार की आलोचना की है। अनंत सिंह के मामले में बिहार की राजनीतिक फिलहाल गरमा गयी है। अब देखना है की अनंत सिंह से महागठबंधन किनारा करती है या फिर उसके मामले को महागठबंधन तुल देकर सत्ता पक्ष के विरोध में उतरता है।